जनप्रतिनिधियों से मांगे जवाबदेही ताकि उनका आचरण बने अनुकरणीय: धनखड़
12-Sep-2023 08:18 PM 4726
भरतपुर, 12 सितंबर (संवाददाता) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद औए विधानसभाओं में व्यवधानों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों का आह्वान किया है कि वे अपने जनप्रतिनिधियों से जवाबदेही मांगे ताकि उनका आचरण अनुकरणीय बने। श्री धनखड़ मंगलवार को भरतपुर में भरतपुर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित उनके अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा “ इन मंचों का प्रयोग विचार-विमर्श और संवाद के लिये होना चाहिये। आप दूसरों के मत से सहमत भले ही न हो लेकिन यदि आप दूसरे के मत को सुनने को ही तैयार नहीं हैं तो यह स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं है।” उन्होंने वकीलों से अपील की कि वे प्रण करें कि अपने देश का हित बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और स्वस्थ प्रजातांत्रिक व्यवस्था देश में पनपे, इस दिशा में प्रयास करेंगे। उपराष्ट्रपति ने भारतीय दंड संहिता में प्रस्तावित बदलावों के बारे में बताते हुए कहा कि ये कानून अंग्रेजों की विरासत थी और इनके कई प्रावधान अनावश्यक परेशान करने वाले थे। इनकी जगह आ रहे नये कानून नये भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे और न्याय दिलाने में वकीलों के काम को और भी सार्थक करेंगें। उन्होंने कहा कि जिस देश में न्याय देने की व्यवस्था कमजोर हो जायेगी तो प्रजातंत्र फलेगा-फूलेगा नहीं। श्री धनखड़ ने संविधान से अनुच्छेद 370 हटाने को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इसका असर कश्मीर के विकास में दिख रहा है और वहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जब हमारा महान भारत दुनिया में दबंग रूप दिख रहा है तो कुछ लोगों का हाजमा खराब हो रहा है और वे देश के बारे में नकारात्मकता फैलाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे से आप सहमत-असहमत हो सकते हैं लेकिन यह कहना कि हम इस पर चर्चा ही नहीं करेंगे, अलोकतांत्रिक है। श्री धनखड़ कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की जन्म जयंती पर करौली में उनके गांव गुडला पहाड़ी में 'कर्नल बैंसला जयंती महोत्सव' में भाग लेने वाले थे। लेकिन खराब मौसम के चलते उनका हेलीकॉप्टर करौली में न उतर सका। कर्नल बैंसला की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री बैंसला ने अपने जीवन की शुरुआत सेना में सिपाही पद से की, फिर अपनी प्रतिभा के बल पर कर्नल के पद तक पहुंचे, उन्होंने देश के लिए वर्ष 1962, 1965 और 1971 की लड़ाइयां लड़ीं।...////...
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