28-Aug-2023 08:07 PM
4659
नयी दिल्ली 28 अगस्त (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की जिन्होंने सूचित किया कि जी-20 के शिखर सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व सर्गेई लावरोव करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर प्रगति की समीक्षा की और जोहान्सबर्ग में हाल ही में संपन्न 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन सहित साझा हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
सूत्रों के अनुसार श्री पुतिन ने एक बार फिर प्रधानमंत्री श्री मोदी को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने की इच्छा की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा की तथा किए गए समझौतों के महत्व पर, मुख्य रूप से, ब्रिक्स के विस्तार पर जोर दिया ताकि अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्रिक्स के प्रभाव को बढ़ाने में मदद मिले। दोनों पक्ष ब्रिक्स में आगामी एक जनवरी 2024 से शुरू होने वाली रूस की अध्यक्षता के संदर्भ में करीबी संवाद कायम करने पर सहमत हुए तथा नई दिल्ली में आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के संबंध में भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
सूत्रों ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति ने आगामी 09 एवं 10 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की और बताया कि रूस का प्रतिनिधित्व रूसी संघ के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे।
श्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के निर्णय के प्रति समझ जाहिर की और भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत सभी पहलों के लिए रूस के लगातार समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने परस्पर संपर्क में बने रहने पर सहमति जतायी।
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय ने पहले ही घोषणा की थी कि जी-20 बैठक में राष्ट्रपति श्री पुतिन भाग नहीं लेंगे और वह एक विशेष सैन्य अभियान में व्यस्त रहेंगे।
सूत्रों ने बताया कि भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना में लगातार विकसित हो रहे दोनों देशों के संबंधों के सामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई। व्यापार और आर्थिक सहयोग की सकारात्मक गतिशीलता को रेखांकित किया गया। ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन और अंतरराष्ट्रीय परिवहन और रसद बुनियादी ढांचे के विस्तार पर संयुक्त रूप से कार्य करने की पारस्परिक प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।...////...