राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन में कार्य और परिवर में संतुलन बनाकर रखना जरूरी है। परिवार के सदस्यों के प्रति आत्मीय व्यवहार और जिम्मेदारियों के प्रति सजग होना आवश्यक है। प्रयास करें कि जिस उत्साह के साथ घर से जाये, उसी प्रसन्नता के साथ घर आए। उन्होंने कहा कि जीवन में पारिवारिक उत्तरदायित्वों की उपेक्षा कर प्राप्त पद, मान और प्रतिष्ठा व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि समाज में बुजुर्ग मां-बाप की उपेक्षा के मामले आज-कल सुनाई दे रहे है। यह सामाजिक विसंगति अत्यंत चिंतनीय है। राज्यपाल श्री पटेल, मध्यप्रदेश वित्त सेवा अधिकारी संघ के द्वारा आयोजित सर्विस मीट गेट-टू-गेदर के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वित्त, शासन-प्रशासन की रीढ़ होती है। वित्त एवं संस्कृति का एक साथ गठजोड़ बहुत कम देखने को मिलता है। इस दिशा में मध्यप्रदेश वित्त सेवा अधिकारियों की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था में वित्त सेवा के अधिकारियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे राज्य के खजाने के प्रबंधक है। शासन के सभी विभागों के वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन, वित्तीय अनुशासन का पालन और विकास की जरूरतों के लिए वित्त की उपलब्धता का कार्य जटिल और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। जरूरी है कि अधिकारी सक्रिय, संवेदनशील, प्रगतिशील, व्यवसायिक रूप से सक्षम, ऊर्जावान और विनम्र हो। उनका दृष्टिकोण व्यापक और समावेशी होना बहुत जरूरी है। आवश्यक है कि कार्य और परिवार के बीच संतुलन बनाते हुए कार्य की प्राथमिकताओं और परिवार की जिम्मेदारियों के प्रति समन्वय बना रहे।