27-Sep-2023 08:42 PM
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नयी दिल्ली 27 सितंबर (संवाददाता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने महामारी का रुप ले रहे कैंसर और इससे निपटने के लिए जागरुकता अभियान ‘कैंसर के खिलाफ संजीवनी-यूनाइटेड’ की शुरुआत करते हुए बुधवार को कहा कि देश में गरीबों के लिए सस्ती और गुणवत्ता युक्त दवायें और स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
श्री मांडविया ने आज यहां इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार ने जन स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने के लिए कड़े प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कैंसर जैसी बीमारी के उपचार का खर्च घटा रही है। इसके लिए सस्ती और गुणवत्ता युक्त दवाईयां और सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है। प्रत्येक जिले में उच्च स्तर की सुविधाओं से युक्त अस्पताल बनायें जा रहे हैं।
श्री मांडविया ने कहा कि देश में कैंसर के अस्पताल खोले जा रहे हैं। कैंसर के उपचार में 90 दवा का प्रयोग होता है। इनमें से 42 दवाओं की कीमत तय कर दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत शोध एवं विकास पर जोर दिया जा रहा है। दक्षिण विश्व को भारत से उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आरोग्य की ओर ध्यान देना चाहिए। इस दिशा में सोचा जाना चाहिए। शोध संस्थान सभी के लिए खुले हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को विकसित बनाने में स्वास्थ्य क्षेत्र का महत्व है और सरकार इसी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ नागरिक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 लाख आशा कार्यकर्ताओं को मुख कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया गया है।
इस अवसर पर फेडरल बैंक के महा प्रबंधक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्याम श्रीनिवासन, टाटा ट्रस्ट के सिद्धार्थ शर्मा और न्यूज 18 मीडिया एवं इन्वेस्टमेंटस् लिमिटेड के पुनीत सिंघवी मौजूद रहे।
कैंसर के खिलाफ संजीवनी-यूनाइटेड अभियान की शुरुआत फेडरल बैंक हॉर्मिस मेमोरियल फाउंडेशन, न्यूज 18 नेटवर्क और टाटा ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से की है। संजीवनी का उद्देश्य कैंसर महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बातचीत को प्रोत्साहित करना और इस बीमारी के साथ होने वाले भय को कम करना है। इस अभियान में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सभी महत्वपूर्ण पहलुओं, प्रारंभिक और लगातार स्वास्थ्य परीक्षण, ट्यूमर प्रबंधन और लक्षण पहचान के संबंध में अभियान चलाया जाएगा।
देश में कैंसर स्वास्थ्य चुनौती है, जो मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। देश में कैंसर के रूपों में स्तन कैंसर, मुख कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, फेफड़े का कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल हैं। संजीवनी पहल इनका सामना करने और सक्रिय रूप से कैंसर से लड़ने के लिए व्यक्तियों को सशक्त बनाने और सहयोग करने पर केंद्रित है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संगठन -नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) के अनुसार, देश में कैंसर के मामलों की संख्या 2022 में 14.6 लाख से बढ़कर 2025 में 15.7 लाख होने का अनुमान है।
आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर, कैंसर के 30 प्रतिशत मरीज देर से पता चलने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं, जबकि 70 प्रतिशत जागरुकता की मदद से जल्दी पता लगने के कारण राहत पा लेते हैं। भारत में यह अनुपात उलटा है। इसलिए इसके आसपास मौजूद सामाजिक कलंक से लड़ना और शीघ्र पता लगाने के लिए परीक्षणों को लेकर झिझक का मुकाबला करना और भी जरूरी हो गया है।...////...