मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जन-अभियान परिषद से जुड़े स्वयंसेवी संगठन, प्रस्फुटन समितियां और नवांकुर संस्थाएं कृषकों को ऊर्जा में आत्म-निर्भर बनाने के लिए सोलर पंप लगवाने के लिए प्रेरित करें। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से गौपालन को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में दोनों गतिविधियों को अभियान के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र कैंसर जैसे घातक रोगों से निरंतर प्रभावित हो रहे हैं। अत: रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बल पर ली जा रही उपज के खतरों से किसानों को अवगत करवाना आवश्यक है। परिषद, किसानों को प्राकृतिक और अक्षय कृषि के लिए प्रोत्साहित करें। जन अभियान परिषद इन क्षेत्रों में कार्य कर ऊर्जा, जल और पर्यावरण संरक्षण, बेहतर स्वास्थ्य और कौशल विकास के क्षेत्र में योगदान दे सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में म.प्र. जन अभियान परिषद की कार्यकारिणी सभा की 15वीं बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में संपन्न हुई। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, श्री मोहम्मद सुलेमान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल गंगा अभियान को जन-जन का अभियान बनाना जरूरी है। इसमें जन अभियान परिषद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर परिषद ग्राम स्तर तक वातावरण निर्माण में सक्रियता से योगदान दें। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप श्रीअन्न की उपज लेने और तिलहन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित और प्रेरित करने की आवश्यकता बताई। बैठक में नवांकुर संस्थाओं के प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम तथा विकास गतिविधियों एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए संचालित गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। साथ ही परिषद के अन्य प्रशासनिक और प्रबंधकीय विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ।