21-Aug-2023 07:52 PM
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पटना 21 अगस्त (संवाददाता) बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के बयान कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का लक्ष्य पूरा करने में बिहार विफल रहा है को निराधार बताया और कहा कि केंद्र के सौतेले रवैये के कारण प्रदेश में पीएमएवाई (ग्रामीण) के कार्यान्वयन में व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
श्री कुमार ने सोमवार को यहां श्री मोदी के बयान का खंडन करते हुए कहा कि उनका यह बयान निराधार एवं आंकड़ों से मेल नहीं खाता है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 की अवधि में इंदिरा आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत कुल मिलाकर राज्य में 42 लाख 38 हजार 109 आवासों का लक्ष्य केंद्र सरकार द्वारा बिहार को दिया गया था, जिसमें से वर्ष 2018-19, वर्ष 2022-23 एवं चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक भी आवास का लक्ष्य राज्य को नहीं मिला। साथ ही केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 में राज्य के लिए आवंटित 11 लाख 49 हजार 947 में से एक लाख 36 हजार 61 लक्ष्य राज्य को प्राप्त नहीं कराये जा सके।
मंत्री ने बताया कि राज्य की प्रतीक्षा सूची में स्थलविहीनों के लिए आरक्षित लक्ष्य, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा वास भूमि उपलब्ध कराते हुए आवास का लाभ दिये जाने की योजना थी उनमें से भी लगभग आठ हजार लक्ष्य केंद्र सरकार ने वापस ले लिया। अभी वर्तमान में प्रतिदिन पूर्ण किये जाने आवास की औसत संख्या 500 है एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 01 अप्रैल 2023 के बाद से अब तक पूर्ण आवासों की संख्या 81 हजार 466 है। बिहार के नोडल खाता में श्री मोदी द्वारा बतायी राशि से लगभग 354 करोड़ रूपये राशि कम है। वर्तमान में यह राशि तीन हजार 138 करोड़ रूपये है, जिससे आवास के निर्माण का कार्य किया जा रहा है ।
श्री कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की यह हमेशा सोच रही है कि सभी आवासविहीन लोगों को आवास की सुविधा उपलब्ध करा दी जाय। इसके लिए डुप्लीकेट जॉब कार्ड सूची में शामिल लगभग 16 हजार लाभुकों में से योग्य लाभुकों को जांच कर प्रतीक्षा सूची में शामिल करते हुए आवास का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को चार-चार बार पत्र लिखा लेकिन केंद्र सरकार ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा ऑटो रिजेक्टेड/रिजेक्टेड वाई सिस्टम की सूची में शामिल दो लाख 23 हजार लाभुकों में से योग्य लाभुकों को जांच कर प्रतीक्षा सूची में शामिल करते हुए आवास का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार को दो बार अनुरोध पत्र देने के बावजूद अनुमति नहीं दी गयी।...////...