पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती अवसर पर शत-शत नमन...। आज भोपाल में लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका समूचा दायित्व मातृशक्ति संभाल रही हैं। इस महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन महोत्सव में माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भोपाल पधार रहे हैं। मैं मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का आत्मिक स्वागत करता हूं। हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर जयंती समारोह को आगामी एक वर्ष तक आयोजित किये जाने का शुभारंभ आज इस अवसर पर मध्यप्रदेश की धरती से किया जा रहा है इसके लिये माननीय प्रधानमंत्री जी का ह्दय से धन्यवाद।
देवी अहिल्याबाई होलकर ने परिपूर्ण सुशासन व्यवस्था, स्वावलंबी, आत्मनिर्भर समरस समाज, सुरक्षित समृद्ध राज्य का एक आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक लगभग 130 विखंडित मंदिरों का जीर्णोद्धार तथा पुनर्निर्माण किया। नदियों पर घाट, धर्मशालाएं बनवाईं, अन्न सत्र प्रारंभ किये और पूजा-पाठ की स्थाई व्यवस्था की। देशभर में सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा की और देश को एक सूत्र में पिरोया। उनका शासनकाल, स्वर्ण काल होने के साथ राष्ट्र के सांस्कृतिक अभ्युदय का समय रहा है।
लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व कार्य किये। एक तरफ उन्होंने महिलाओं की सैनिक टुकड़ी बनाकर सुरक्षा की चौकस व्यवस्था की। वहीं, दूसरी ओर महिलाओं के सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए क्रांतिकारी निर्णय लिये। उन्होंने महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, विधवा को दत्तक पुत्र लेने का अधिकार तथा विधवा पुनर्विवाह के अधिकार प्रदान किये और दहेज प्रथा पर रोक लगाने के नियम बनाये। सेना में बलिदान हुए सैनिकों की पत्नियों के लिये महेश्वर में महेश्वरी साड़ी उद्योग की स्थापना की और महिला समृद्धि का विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया। उनके राज्य में होलकर राज्य सुराज, स्वराज, सुशासन, सुव्यवस्था, संपन्नता, विकास और निर्माण का आदर्श रहा। उन्होंने महेश्वर को शिल्प, कला, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, उद्योग और व्यापार का केन्द्र बनाया और देशभर में विस्तारित किया।