मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 25 जून 1975 की मध्य रात्रि से लागू हुआ आपातकाल हमारे लोकतंत्र पर एक गहरा आघात था। वो संविधान और लोकतंत्र की हत्या थी। वो देश के लोकतंत्र का एक ऐसा काला अध्याय था, जिसे देश कभी नहीं भूल पाएगा। नई पीढ़ी को उस दौर में हुई तानाशाही के बारे में बताना जरूरी है और यही कारण है कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार हम सभी 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में याद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को एक निजी मीडिया समूह द्वारा आयोजित 'देश के दिल की बात' नामक संवाद कार्यक्रम में सहभागिता कर संबोधित कर रहे थे।
संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीते 18 माह में जनकल्याणकारी योजनाओं और नवाचारों के जरिए राज्य सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश को आर्थिक रूप से सम्पन्न बना रहे हैं। मध्यप्रदेश की आत्मनिर्भरता देखिए कि दिल्ली मेट्रो हमारी बिजली से चल रही है। वर्ष 2025-26 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1.55 लाख रूपए के करीब पहुंची है। वर्ष 2002-03 में यह मात्र 11 हजार रूपए थी। हम अगले दो सालों में प्रदेश के 50 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोल देने के लक्ष्य के प्रति संकल्पित होकर आगे बढ़ रहे हैं। हम विरासत से विकास की ओर बढ़ रहे हैं। देश का मान बढ़ाने वाले वीरों और अमर शहीदों के नाम पर योजनाओं के अलावा हमारी सरकार ने गोंडवाना की महारानी दुर्गावती, होल्कर स्टेट की महान प्रशासिका लोकमाता देवी अहिल्या बाई और नर्मदांचल के राजा भभूत सिंह की स्मृति में केबिनेट करके उन्हें समुचित सम्मानदिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बहुत जल्द हमारी सरकार भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्य स्मृति में केबिनेट मीटिंग करने जा रहे हैं।