26-Aug-2022 09:05 PM
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जयपुर, 26 अगस्त (संवाददाता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार को प्रदेश की महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने, उन्हें आत्मरक्षा की दृष्टि से मजबूत बनाने तथा अपने अधिकारों और कानूनों के बारे में सजग करने के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा है कि महिला निधि महिला सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
श्री गहलोत ने आज यहां महिला दिवस पर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि का लोकार्पण करने के बाद आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को रोजमर्रा की आवश्यकताओं के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने एवं उद्यमिता के लिए सुलभ ऋण उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सिर्फ कानून ही काफी नहीं है, उनके साथ समानता के व्यवहार के लिए सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार सहित स्वयं की सुरक्षा और आईटी प्रशिक्षण आदि के लिए तेज गति से काम हो रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश के चहुंमुखी विकास में भागीदारी निभा सकें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अनेक योजनाएं महिला केन्द्रित हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता का परिचायक है। राज्य के विकास तथा सुशासन में महिलाओं की भागीदारी अधिक से अधिक हो, राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है। पिछले तीन वर्षो में महिला और बालिकाओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट में 52 घोषणाएं की गई हैं।
उन्होंने पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की देन बताते हुए कहा कि उनके क्रांतिकारी सुधारों की वजह से महिलाएं पहले की तुलना में अधिक सशक्त हुई हैं। उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे निडरता से अपने काम-काज की बागडोर संभाल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् के माध्यम से करने की घोषणा की थी। तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहां महिला निधि की स्थापना की गई है। महिला स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने, बैकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने व कौशल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि की स्थापना की गई है।
इस योजना के तहत 40 हजार रूपये तक के ऋण 48 घण्टे में एवं इससे अधिक के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे। वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में दो लाख 70 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 30 लाख परिवार जुड़े हुए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में 50 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग छह लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ मिलेगा।
श्री गहलोत ने इस अवसर पर छह जिलों के 386 स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को एक करोड़ 42 लाख रूपये की राशि राजस्थान महिला निधि से ऋण के रूप में प्रदान की। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर विशिष्ट कार्य करने के लिए राजीविका कम्यूनिटी कैडर की आठ महिलाओं को भी पुरस्कृत किया।...////...