15-Jan-2025 12:00 AM
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छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और यहां का गौरवशाली इतिहास हर किसी को प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और मोदी की गारंटी के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ को जानने के लिए देश में हर कोई बेताब रहता है। इसकी बड़ी झलक प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान छत्तीसगढ़ पैवेलियन में देखने को मिल रही है। प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुम्भ में लक्ष्मीद्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है। इसके प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गयी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण किया गया है।