28-Nov-2023 07:09 PM
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लखनऊ 28 नवंबर (संवाददाता) निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफल ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से मंगलवार को विधान भवन परिसर में मुलाकात की और तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताते हुये उनसे स्वतंत्र तिब्बत के लिए आवाज उठाने का आग्रह किया।
श्री खेंपो ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की मौजूदगी में श्री यादव को ज्ञापन देते हुए कहा कि तिब्बत अब अपने सांस्कृतिक संहार और पहचान के पूर्ण विनाश के खतरे का सामना कर रहा है। ज्ञापन में कहा कि 1949 में तिब्बत पर चीन द्वारा आक्रमण के बाद से तिब्बती लोगों के मूलभूत मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। तिब्बत के भीतर 60 लाख से अधिक तिब्बतियों के प्रति चीन के दमनात्मक रवैये के खिलाफ पिछले 74 वर्षों से शांतिपूर्ण प्रतिरोध जारी है और लोग बेबसी में चीनी औपनिवेशिक कब्जे को सहन कर रहे हैं। तिब्बत में मानवाधिकारों का उल्लंघन और अनुचित उत्पीड़न हो रहा है। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियां चला रहा है।
ज्ञापन में ऐतिहासिक तौर पर स्वतंत्र और प्रभुसत्ता सम्पन्न अतीत वाले तिब्बत को वर्तमान में अतिक्रमित राष्ट्र के रूप में मान्यता देने, चीन में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं की निगरानी करने और रिपोर्ट देने को स्वतंत्र मानवाधिकार संगठनों को जाने देने की अनुमति देने, सभी तिब्बती राजनैतिक कैदियों की रिहाई के अलावा चीन के दुष्प्रचार से निपटने के लिए राष्ट्रीय विधायी ढांचा स्थापित करने की भी मांग की गई है।
ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि तिब्बत-चीन संघर्ष को हल करने के लिए बिना किसी पूर्व शर्त के परम पावन दलाई लामा के प्रतिनिधियों के साथ ठोस बातचीत में फिर से शामिल होने की व्यवस्था हो।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर को आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी तिब्बत के लोगों के मानवाधिकारों तथा तिब्बत की आजादी के लिए प्रतिबद्ध है और तिब्बत की स्वतंत्रता को भारत की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक मानती है। चीन में भारत के मानसरोवर जैसे तीर्थ है। वहां स्थापित देवता हमारे पूज्य देवता हैं और वर्ष प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु कैलाश दर्शन को जाते हैं।...////...