नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
03-Oct-2024 12:00 AM 772

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नि-स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मौका मिलना परमात्मा की कृपा है। मृत्यु-लोक में अपने प्रारब्ध के बल पर 84 लाख योनियों में से मानव शरीर का मिलना भी परमात्मा की कृपा है। जन्म और मृत्यु के बीच काल-खंड में अपने श्रेष्ठ कर्मों से प्रारब्ध को सत्कर्मों में बदलने, विशेषकर समाज सेवा का अवसर परमात्मा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संत ईश्वर सम्मान जैसा मंच समाज सेवा की इस अनुपम भावना को मान्यता प्रदान करता है। संत ईश्वर फाउंडेशन और राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा सुदूर क्षेत्रों से आए सनातन संस्कृति के विभिन्न समाजसेवियों को सम्मानित कर समाज सेवा की परंपरा को बढ़ाने का काम सराहनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2024 में शामिल हुए।

© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^