नियमों का उल्लंघन कर खदान आवंटित कर रही हैं सरकारें: प्रशांत भूषण
09-Sep-2023 08:42 PM 4946
पुरी, 09 सितंबर (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र और राज्य सरकारें कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन कर कुछ कंपनियों को खदानें आवंटित कर रही हैं, वह बहुत खतरनाक है। श्री प्रशांत भूषण ने शनिवार को बेलादल गांव में ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो हमारी भावी पीढ़ी के लिए बहुत कम खनिज बचेंगे और लाखों लोग अपनी भूमि से बेदखल हो जाएंगे। दिग्गज वकील ने नियामगिरी, काशीपुर और बालनगीर का हवाला देते हुए कहा कि कंपनियों को सुविधा प्रदान करने के लिए मूल आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है, इससे राज्य या कंपनी को लंबे समय तक मदद नहीं मिलेगी क्योंकि अधिकांश प्राकृतिक संसाधन खत्म हो जाएंगे। श्री प्रशांत भूषण 'जल, जंगल और जमीन' को बहाल करने के लिए शीर्ष अदालत में उनके मामले की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने (प्रशांत भूषण) राज्य सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर किया है क्योंकि उसने उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को अवैध खनन करने वाली कंपनियों से 20,000 करोड़ रुपये एकत्रित करने का निर्देश दिया था लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार 17,000 करोड़ रुपये ही एकत्रित कर सकी है और 3,000 करोड़ रुपये अभी तक एकत्रित नहीं हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि प्राकृतिक वनस्पति और जीव सभी जीवित प्रजातियों की जीवन रेखा के रूप में काम करते हैं। मूल निवासी पूरे देश में अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों ने उन्हें विभिन्न आपराधिक मामलों में फंसाकर जेल में डाल दिया है। प्राकृतिक संसाधन मूल निवासियों का अधिकार है और इन संसाधनों की रक्षा करने की कोशिश करना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने सरकार से सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने और जेल में बंद कार्यकर्ताओं को जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निरंजन पटनायक ने प्रशांत भूषण को ओडिशा का दूसरा मधु बाबू कहा। श्री पटनायक ने कहा कि मधु बाबू ने अंग्रेजों द्वारा गजपति परिवार से श्री जगन्नाथ मंदिर का अधिग्रहण के खिलाफ उच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ी थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मंदिर का अधिग्रहण फिर से गजपति परिवार दिया गया था। ओडिशा कांग्रेस के अध्यक्ष शरत पटनायक ने दो नदियों और 6,000 परिवारों की आठ हजार एकड़ कृषि भूमि एक निजी कंपनी को एक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आवंटित करने पर बीजू जनता दल सरकार की आलोचना की। उन्होंने मतदाताओं से राज्य की नवीन पटनायक सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार को हटाने की अपील की। ओडिशा के पूर्व वित्त मंत्री पंचानन कानूनगो, वरिष्ठ पत्रकार रबी दास, सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल सामंतराई और अन्य लोगों ने इस सभा को संबोधित किया। प्रशांत भूषण और मेधा पाटकर को पिपिली एप्लीक वर्क और बरहमपुरी पट्टा भेंट किया गया। इस समारोह का संचालन करने वाले पूर्व विधायक उमाबल्लव रथ ने कहा कि कृष्णा मोहंती के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है जो शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने के लिए ओडिशा सरकार पर दबाव बनाएगी। सैकड़ों ग्रामीणों ने चंदनपुर से बेलाडाल कार्यक्रम स्थल तक जुलूस में भूषण और पाटकर का साथ दिया।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^