12-Jul-2023 05:51 PM
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श्रीनगर, 12 जुलाई (संवाददाता) जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 370 पर याचिकाओं पर दैनिक आधार पर सुनवाई करने की घोषणा के एक दिन बाद बुधवार को उम्मीद जताई है कि शीर्ष न्यायालय देश के संविधान और कानून के मद्देनजर इस मामले पर फैसला करेगी।
सुश्री मुफ्ती ने श्रीनगर में संवाददाता से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं कि शीर्ष न्यायालय देश के संविधान के साथ न्याय करे, न कि देश के लोगों की सामूहिक भावना को संतुष्ट करे।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि निर्विवाद सत्यनिष्ठा वाले देश के मुख्य न्यायाधीश जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावना की सराहना करेंगे और संविधान और कानून के पक्ष में निर्णय देंगे।
उन्होंने पिछले महीने देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की '19वीं अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण' की बैठक के लिए कश्मीर का दौरा करने के तुरंत बाद अनुच्छेद 370 याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर चिंता जताई।
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में एक सेमिनार के दौरान जिन 200 न्यायाधीशों को यहां लाया गया था, वे सिर्फ उन्हें यह दिखाने के लिए कि केन्द्रशासित प्रदेश में सब कुछ ठीक चल रहा है।
सुश्री मुफ्ती ने कहा, “ऐसी आशंका है कि चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने अचानक 02 अगस्त से अनुच्छेद 370 पर दैनिक आधार पर सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है… भाजपा ने यहां जी20 बैठक आयोजित करके और सभी न्यायाधीशों को लाकर दुनिया को गुमराह करने का जाल बिछाया है। ऐसा लगता है कि पर्दे के पीछे कुछ और चल रहा है।”
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने एक नया हलफनामा प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने को उचित ठहराने की कोशिश की, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह इस पर विचार नहीं करेगा।
सुश्री मुफ्ती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देश के संविधान और कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा का ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद केन्द्रशासित प्रदेश में पथराव बंद हो गया है, तो हजारों युवाओं और धार्मिक नेताओं को जेलों में क्यों डाला गया। उन्होंने कहा कि रोजाना छापेमारी की जा रही है और निगरानी भी हो रही है।...////...