20-Feb-2022 10:19 PM
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कोल्हापुर, 20 फरवरी (AGENCY) गोविंद पनसारे हत्याकांड में सरकारी अभियोजक ने संदिग्ध आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा किया है। उन्होंने है कहा कि हत्या के पीछे योजना बनाने वाले व्यक्ति को पकड़ना विशेष जांच दल (एसआईटी) के लिए बड़ी चुनौती है। पनसारे की हत्याकांड को आज पूरे सात वर्ष हो गए हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गोविंद पनसारे को 16 फरवरी 2015 में दो अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी औऱ 20 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गयी थी।
एसआईटी ने अभी तक फरार हुए दो संदिग्ध आरोपी विनय पवार और सारंग अकोलकर को गिरफ्तार नहीं किया है। हालांकि इस मामले में डॉ वीरेंद्र तावड़े, समीर गायकवाड़, सचिन अंधुरे सहित कुल 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से दो आरोपी डॉ तावड़े और गायकवाड़ अभी जमानत पर हैं।
अपराध होने सात वर्ष बाद भी पुलिस अभी तक घटना में इस्तेमाल की गयी बंदुक, गोली के खाली खोके और मोटरसाईकिल को बरामद नहीं कर पायी है।
न्यायालय बचाव पक्ष के वकील विरेंद्र इचलकरनजीकर ने डॉ तावड़े, गायकवाड़ और अंधुरे की ओर से एसआईटी जांच में कोई सबूत ना मिलने पर विमुक्त याचिका दर्ज की है, जिसपर दो मार्च को सुनवाई होनी है।
सरकारी अभियोजक शिवाजीराव राने संदिग्धों के खिलाफ सबूत होने का दावा किया है, जिसकी जानकारी वह अदालत के सामने दो मार्च को देंगे।
इस दौरान दिवंगत पनसारे की बहू और वरिष्ठ सीपीआई नेता मेघा पनसाने ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बचाने के लिए हम पिछले सात वर्षों से लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि हत्या के सात वर्ष पूरे होने के बाद भी कोई पुख्ता जांच नहीं हुई है और वह न्यायायिक व्यवस्था में पूर्ण विश्वास रखते हुए न्याय के लिए लड़ रही हैं।...////...