23-Feb-2023 09:33 PM
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नयी दिल्ली 23 फरवरी (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता एवं पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा को गुरुवार को मंगलवार तक के लिए गिरफ्तारी से राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका को मंजूरी दे दी और उन्हें दिल्ली में मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश होने के दौरान अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जायेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तथा न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिये। पीठ ने कहा , “ याचिकाकर्ता (पवन खेड़ा) को मंगलवार तक गिरफ्तारी से राहत दी जाती है और मामले की सुनवाई के लिए अगली सूचीबद्ध तिथि तक मजिस्ट्रेट द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जायेगा।
न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और असम सरकार को भी नोटिस जारी किया और अर्नब गोस्वामी मामले में अपने फैसले के बाद खेड़ा के खिलाफ प्राथमिकी को जोड़ने के लिए अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
न्यायालय ने अपना आदेश पारित करने से पहले खेड़ा की टिप्पणी का वीडियो-ऑडियो क्लिप भी खुली अदालत में सुना।
कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष न्यायालय को आश्वासन दिया कि खेड़ा अपने शब्दों के लिए बिना शर्त माफी मांगेंगे क्योंकि उनका आक्रामक व्यक्तिगत टिप्पणियों का उपयोग करने का इरादा नहीं था। सुनवाई के दौरान डॉ सिंघवी ने न्यायालय से कहा कि खेड़ा को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए और वह जांच में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में एक व्यक्ति को कुछ शब्द कहने के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए और 295 को लागू करना बेतुका है।
श्री सिंघवी ने कहा कि कितना भी राजनीतिक भाषण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता- आप 153-ए (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) का आह्वान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने न्यायालय से कहा कि खेड़ा ने प्रधानमंत्री पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है और उनके खिलाफ आरोपों के लिए गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।
डॉ. सिंघवी की दलीलों का विरोध करते हुए असम पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ विधि अधिकारी, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने न्यायालय को बताया कि खेड़ा को देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है। असम पुलिस के लिए एएसजी भाटी ने कहा, पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी जानी चाहिए। यह प्रधानमंत्री के खिलाफ असंतोष भड़काने के लिए की गई अपमानजनक टिप्पणी है। आखिर वह देश के विधिवत निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं।
इससे पहले एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में कांग्रेस महाधिवेशन में हिस्सा लेने रायपुर जा रहे खेड़ा को दिल्ली पुलिस ने यहां इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर विमान में नहीं बैठने दिया और उन्हें कथित तौर पर हिरासत में ले लिया। इसी विमान से रायपुर जा रहे अन्य पार्टी नेताओं को जैसे ही इसकी खबर मिली तो सभी विमान से बाहर आ गये और इसका विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।...////...