07-Jul-2023 07:55 PM
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नयी दिल्ली 07 जुलाई (संवाददाता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय कैडेट कोर एकीकृत सॉफ्टवेयर की शुरूआत की। भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन और जियो इंफॉर्मेटिक्स के साथ साझेदारी में विकसित यह सॉफ्टवेयर 'एंट्री टू एग्जिट मॉडल' पर डिजाइन किया गया सिंगल विंडो इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर है।
यह सॉफ्टवेयर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘ एक बार कैडेट, जीवनभर कैडेट ’ के विजन पर आधारित है और इससे एनसीसी में कैडेट के रूप में नामांकन के चरण से लेकर पूर्व छात्र के रूप में एक्जिट पंजीकरण तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल बन जायेगी। इससे प्रमाणपत्रों को निर्बाध रूप से जारी करने और रोजगार के समय एनसीसी कैडेटों का एक अखिल भारतीय डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलेगी।
एनसीसी और भारतीय स्टेट बैंक ने एसबीआई की ‘पहली उड़ान’ योजना के तहत डेबिट कार्ड, चेकबुक और पासबुक सुविधा के साथ सभी एनसीसी कैडेटों के जीरो बैलेंस खाते खोलने के लिए रक्षा मंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इससे प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख कैडेट लाभान्वित होंगे।
यह खाता प्रशिक्षण पूरा होने या 18 वर्ष की आयु होने जो भी बाद में हो तक चालू रहेगा। यह न केवल कैडेटों को राष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से परिचित कराएगा बल्कि उन्हें अपने खातों में धनराशि के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एक तैयार मंच भी उपलब्ध कराएगा।
रक्षा मंत्रालय ने यूनिफॉर्म वितरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी तथा निर्बाध बनाने के लिए इसमें सुधार किया है, जिससे एनसीसी कैडेटों के बैंक खातों में वर्दी भत्ते का प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण किया जाना संभव हो गया है।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, एनसीसी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।...////...