राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही एक वंचित जिले काे आगे बढाया जा सकता है: कमलनाथ
30-Jul-2023 07:32 PM 7078
इंदौर, 30 जुलाई (संवाददाता) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज आदिवासी बहुल जिले छिंदवाड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही एक वंचित जिले को आगे बढ़ाया जा सकता है। श्री कमलनाथ ने यहां आयोजित आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्हें इतने वर्षों तक ना केवल आदिवासी भाइयों की सेवा करने का मौका मिला, बल्कि सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले छिंदवाड़ा में आदिवासियों के साथ कार्य करने का मौका मिला। वे हवा हवाई बातें नहीं करेंगे, अपने अनुभव की बात आज आप सबके बीच साझा कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1979 पहले जब वे छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करने के लिए आगे आए, आदिवासी तीर्थ स्थान आंचल कुंड गए। सड़कें ऐसी थी कि हम जीप से जाया करते थे तो हमें लगता था कि जीप पलट जाएगी। इस डर से उन सड़कों पर कभी-कभी जीप से उतरकर पैदल भी चलते थे। रात में तीर्थ स्थान पहुंचे। एक आदिवासी महर्षि थे, महर्षि के चरणों में प्रणाम किया और कहा वे चुनाव लड़ रहे हैं और आपका आशीर्वाद लेने आए हैं। महर्षि के आशीर्वाद से उन्होंने चुनाव जीता और उस समय उन्होंने वचन दिया था कि दोबारा अचल कोट तीर्थ स्थान तभी जाएंगे, जब वहां पर सड़क बनवा देंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमने वहां की सड़क का निर्माण कराया। उन्होंने कहा कि आप सबने पातालकोट का नाम सुना होगा, पातालकोट पहुंचने के लिए हम तीन घंटे पैदल चला करते थे, वहां के आदिवासी भाई आम की गुठली सुखाकर उसका आटा बनाते थे, जिसे साल भर खाते थे, सिर्फ नमक खरीदने के लिए पातालकोट से ऊपर आया करते थे। सीमित कपड़े पहनते थे। जहां केवल 22 प्रतिशत गांवों में बिजली थी। गिनी चुनी सड़के हुआ करती थी। आज आप उस क्षेत्र में जाइए, जो सीमित कपड़े पहना करते थे, उनके बच्चे आज जींस और टीशर्ट पहनते हैं। इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व से जुड़े हुए हैं और मल्टीनेशनल कंपनियों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सेंटर हमने बनवाए हैं। गर्व से कहते हैं कि देश छोड़िए विदेश में भी आज इतने ट्रेनिंग सेंटर और स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट नहीं है। श्री कमलनाथ ने कहा कि वे आज यह सब इसीलिए बोल रहे हैं, क्योंकि राजनीति में लंबी चौड़ी बातें करना बहुत आसान है, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति से एक वंचित जिले को आगे बढ़ाने के लिए साहस चाहिए और वही हिम्मत और साहस हमें मध्यप्रदेश के हर जिले में आज आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे यहां बैठे हुए अपने हर युवा से यह प्रार्थना करेंगे कि आप एक बार छिंदवाड़ा अवश्य जाएं और देख कर आइए की श्री कमलनाथ हवा में बातें नहीं कर रहे हैं वे सच्चाई बयां कर रहे हैं। आज आप सब ने मुझे मांग पत्र सौंपा है परंतु छिंदवाड़ा में किसी ने मेडिकल कॉलेज नहीं मांगा था। हॉर्टिकल्चर कॉलेज नहीं मांगा था। यह मेरे लिए मेरे राजनीतिक जीवन के लिए एक स्वप्न था, जो मैंने छिंदवाड़ा के लिए देखा था और मध्यप्रदेश के लिए देखा था। श्री कमलनाथ ने कहा कि आज आदिवासियों को अपने जल जंगल जमीन के अधिकारियों के लिए तरसना पड़ रहा है। उन आदिवासियों को जो इसके मालिक हैं। इस जमीन के उन्हीं को पाठ पढ़ाया जा रहा है। आप का पट्टा अवैध है। आपका अतिक्रमण है। हम तो कहते हैं अतिक्रमण इन लोगों का है, क्योंकि आप इस जमीन के मालिक हैं। आपको यह एहसास कराना है कि आप जमीन के मालिक हैं, तभी आप अपने अधिकारों को सुनिश्चित कर पाएंगे।...////...
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