राजीव का शव लेने पहली तमिलनाडु यात्रा को याद कर भावुक हो उठीं प्रियंका
15-Oct-2023 03:24 PM 8224
चेन्नई 15 अक्टूबर (संवाददाता) कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा उस काली रात को याद कर भावुक हो उठीं जब 30 साल पहले तमिलनाडु की उनकी पहली यात्रा हुई और जब वह महज 19 साल की उम्र में अपने पिता राजीव गांधी का पार्थिव शरीर लेने यहां पहुंची थी। श्री गांधी की 21 मई 1991 को यहां से लगभग 40 मीटर दूर श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी। संसद में पारित महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग को लेकर यहां द्रमुक द्वारा आयोजित महिला अधिकार सम्मेलन में अपना संबोधन शुरू करते हुए सुश्री वाड्रा भावुक हो गईं और 30 साल पहले के उस दिन को याद किया जब वह अपने पिता का शव लेने यहां आई थीं। इस सम्मेलन में उनकी मां एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। उन्होंने भावुक आवाज में कहा,“लगभग बत्तीस साल पहले, मेरे जीवन की सबसे अंधेरी रात में, मैंने पहली बार अपने पिता के क्षत विक्षत हुए शरीर को लेने के लिए तमिलनाडु की इस भूमि पर कदम रखा था।” सुश्री वाड्रा ने कहा ,“मैं उन्नीस साल की थी जबकि मेरी मां आज मेरी जितनी उम्र है उससे कुछ ही साल छोटी थीं। जैसे ही विमान का दरवाज़ा खुला, रात ने हमें अपने घेरे में ले लिया लेकिन मैं इससे नहीं डरी क्योंकि सबसे दुखद बात यह थी कि वह घटना पहले ही हो चुकी थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।” उन्होंने कहा,“कुछ घंटे पहले, मेरे पिता की हत्या कर दी गई थी। मैं उस रात अपनी मां के पास यह जानते हुए भी चली गई थी कि जो शब्द मैं बोलने वाली हूं, उससे उनका दिल टूट जाएगा। फिर भी मैंने उनसे (श्रीमती सोनिया) से बात की और मैंने देखा कि उनकी आंखों से खुशी की रोशनी हमेशा के लिए बुझ गई।” सुश्री वाड्रा ने कहा,“हम विमान की सीढ़ियों से नीचे मीनांबकम हवाई अड्डे के टर्मिनल की ओर चले, हैरान और अकेले। फिर अचानक, नीली साड़ी पहने महिलाओं की भीड़ ने हमें घेर लिया।” उन्होंने कहा,“वे हवाईअड्डे पर काम करने वाली महिलाएं थीं, उन्होंने मेरी मां को अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके साथ ऐसे फूट-फूटकर रोई जैसे कि वे सभी मेरी मांएं हों, जैसे कि उन्होंने भी अपने प्रिय को खो दिया हो।” उन्होंने कहा,“उन साझा आंसुओं में, मेरे दिल और तमिलनाडु की महिलाओं के बीच एक ऐसा बंधन बन गया जिसे मैं न तो समझा सकती हूं, न ही कभी मिटा सकती हूं।” श्रीमती सोनिया ने कहा,“आप मेरी मां हैं, आप मेरी बहनें हैं और मैं आज यहां आकर सम्मानित महसूस कर रही हूं। आपसे भारत की महिलाओं के बारे में बात करने का अवसर मिला है। मैं यहां आपको यह याद दिलाने के लिए हूं कि हम वे इस गौरवशाली और खूबसूरत राष्ट्र की ताकत हैं जो हमारी मातृभूमि है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^