सीएनटी का उल्लंघन कर मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम से ली गई जमीन : रघुवर दास
12-May-2022 07:20 PM 3623
रांची, 12 मई (AGENCY) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने आज कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में राज्य में कोयला, बालू, पत्थर आदि की अवैध ढुलाई का कारोबार चल रहा है। श्री दास ने आज यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री अपनी पत्नी व परिजनों के नाम से जमीन ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में रांची के महत्वपूर्ण इलाके अरगोड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन, जो कि उड़ीसा राज्य की आदिवासी श्रेणी की महिला है, ने दो सेल डीड के द्वारा क्रमशः 13 कट्ठा 14 छटाक (डीड संख्या 3881/3368 दिनांक 09.03.2009) एवं 17 कट्ठा 8 छटाक (डीड संख्या 1267/1084 दिनांक 07.02.2009) की आदिवासी भूमि का क्रय किया। इस दोनों डीड में उन्होंने अपने पति हेमंत सोरेन का नाम ना लिखकर अपने पिता अंपा मांझी का नाम दर्शाया और अपनी जाति संथाल बताते हुए अपना निवास स्थान हरमू कॉलोनी, थाना अरगोड़ा, जिला रांची दिखाया। नियमानुसार किसी अन्य राज्य के आरक्षित श्रेणी का व्यक्ति झारखंड राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं ले सकता है और सीएनटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार किसी आदिवासी भूमि के खरीद के लिए उसे विक्रेता के ही थाना क्षेत्र का होना भी आवश्यक है, जो दोनों शर्तें कल्पना मुर्मू नहीं पूरा कर रही थी इसलिए उनके द्वारा झारखंड राज्य में आरक्षित श्रेणी और अरगोड़ा थाना क्षेत्र का निवासी बताया जाना दोनों गलत है। श्री दास ने कहा कि इससे बढ़कर भी जो बड़ी अनियमितता कल्पना मुर्मू सोरेन के द्वारा की गई वह यह है कि उनके द्वारा पहली डीड जो 13 कट्ठा 14 छटाक जमीन के संबंध में है, के क्रम में भूमि का सरकारी मूल्य 34,93,000 (34 लाख 93 हजार) रुपए दिखाया गया, परंतु विक्रय की राशि मात्र 4,16,000 ( चार लाख 16 हजार) रुपए दिखाई गई। उसी तरह उनके द्वारा दूसरी डीड जो 17 कट्ठा 8 छटाक जमीन के संबंध में है के क्रम में भूमि का सरकारी मूल्य 44,00,000 (44 लाख) रुपए दिखाया गया, परंतु विक्रय की राशि मात्र 5,25,000 (5 लाख 25 हजार) रुपए दिखाई गई। उपरोक्त से जाहिर है कि या तो विक्रेता को वास्तविक विक्रय मूल्य जो कि रुपए 78,93,000 (78 लाख 93 हजार) रुपये होता था के स्थान पर मात्र 9,41,250 (9 लाख 41 हजार 250) रुपए का भुगतान किया गया अथवा वास्तविक लेनदेन या भूमि के बाजार मूल्य जोकि करोड़ों रुपए में होगी, को छुपाने की नियत से, भूमि का क्रय मूल्य नाम मात्र दिखाया गया। दोनों परिस्थितियों में संबंधित भूमि खंडों की खरीद का मामला छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग का प्रतीत होता है। श्री दास ने कहा कि सीएनटी एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत उपरोक्त प्रकार की गैर वाजिब खरीद बिक्री पोषणीय नहीं है और इसलिए संबंधित विक्रेताओं बिरसा उरांव तथा राजू उरांव इत्यादि ने इस संबंध में शिकायत भी की थी। इसके साथ उपरोक्त के संबंध में राम कुमार पाहन तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा सह विधायक भारतीय जनता पार्टी एवं अन्य द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित जन आवेदन के जरिए भी शिकायत की गई थी। तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में उपरोक्त मामलों को संज्ञान में लेते हुए प्रमंडलीय आयुक्त दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची के कार्यालय आदेश ज्ञापांक 1593 दिनांक 22 जून 2018 के द्वारा एक जांच दल का गठन किया गया था और जांच दल ने भी अपना संयुक्त जांच प्रतिवेदन राज्य सरकार को समर्पित किया, जिससे भी उपरोक्त गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई।...////...
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