सीपीए भारत के नौवां दो दिवसीय सम्मेलन हुआ संपन्न
22-Aug-2023 10:38 PM 3961
उदयपुर, 22 अगस्त (संवाददाता) राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) भारत के नौवें दो दिवसीय सम्मेलन का मंगलवार को यहां सम्पन्न हो गया। इसमें सीपीए को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उसके पुनर्गठन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। समापन समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ मुख्य अतिथि थे। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी समापन सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर श्री धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है और जनप्रतिनिधियों को आमजन का रोल मॉडल बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह इस बात से चिंतित हैं कि सदनों में चर्चा का स्तर गिरा है। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में निवेश की पसंदीदा जगह है, हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। उन्होंने कहा कि सांसद और विधायकों को कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं, जिनका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष दोनों का ही कार्यकाल सराहनीय रहा है। सीपीए अध्यक्ष से निरंतर संवाद बना रहता है और हम विचारों को साझा करते हैं। हमारे देश में गांव, ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं संविधान द्वारा प्रदत्त हैं, जो विश्व में अनूठा उदाहरण है। इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि लोकतंत्र के सशक्तिकरण में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सदन में जनप्रतिनिधियों को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। सदन की गरिमा बनी रहनी चाहिए क्योंकि गरिमा का अवमूल्यन हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में सीपीए काफी अच्छा कार्य कर रहा है और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष भी निरंतर सीपीए के प्रयासों को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपराष्ट्रपति एवं लोकसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनकी उपस्थिति से सम्मेलन की गरिमा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आमजन लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास करता है। डिजिटल युग में नई प्रकार की डेमोक्रेसी की परिकल्पना सामने आई है। आमजन आईटी के माध्यम से अधिकारों के प्रति सजग हुआ है। इसी के साथ जनप्रतिनिधियों को भी और अधिक सजग होना पड़ेगा। विधानसभा में चर्चा और निर्णय हों, ऐसी नीतियां बने जिससे निरंतर देश को लाभ मिले। डॉ. जोशी ने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि विधानमंडलों को अधिक प्रभावी बनाएं, कार्यपालिका को जवाबदेही बनाएं।समापन समारोह में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र की राजस्थान शाखा द्वारा किए गए कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। सम्मेलन में 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर संसद एवं राजस्थान विधानसभा के कई सदस्य भी मौजूद थे।...////...
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