05-Sep-2023 06:39 PM
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श्रीनगर, 05 सितंबर (संवाददाता) केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को शिक्षक दिवस पर कहा कि शिक्षक छात्रों को हीरे, जवाहरात और मोतियों की तरह तराशता है।
श्रीनगर में मंगलवार को शिक्षक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने शिक्षक को रत्नविज्ञानी बताते हुये कहा कि वह विविध प्रतिभाओं वाले हीरों को परखता है और उन्हें तराशता है।
उपराज्यपाल ने कहा, “शिक्षक एक जौहरी है और बहुमूल्य रत्नों को सही आकार और चमक देता है।”
उन्होंने कहा, “शिक्षक एक साथ कई भूमिकाएं निभाता है। वह एक खोजकर्ता है जो छात्रों को हीरे, जवाहरात और मोतियों की तरह तराशने का काम करता है।” उपराज्यपाल ने समारोह के दौरान घाटी से पुरस्कार विजेता शिक्षकों को भी सम्मानित किया।
उन्होंने कहा, “शिक्षक इस दुनिया का सबसे बड़ा क्रांतिकारी और साहसी व्यक्ति है। वह बाधाओं, पुरानी पद्धतियों को तोड़कर बच्चों को एक नया आकार, एक नई दिशा, एक नया संकल्प देता है और बच्चों के मन में नई सोच जगाता है।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि आज हमें अपने बच्चों में रचनात्मकता, जिज्ञासा, टीम वर्क, नेतृत्व गुण और सद्भाव, भाईचारे और करुणा के सभ्यतागत मूल्यों को विकसित करने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता होती है।” उपराज्यपाल ने कहा , “हमें आजीवन प्रभावी दृष्टिकोण बनाने के लिए नए तरीकों को विकसित करने की आवश्यकता है।”
उपराज्यपाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “हमें प्रतिस्पर्धा और रचनात्मकता के बीच एक अच्छे संतुलन की आवश्यकता है। परीक्षण प्रतिस्पर्धा पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह मौलिकता, प्रयोग, रचनात्मक और वैज्ञानिक गतिविधि पर आधारित होना चाहिए। ”
उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य प्रतिस्पर्धी दिमाग नहीं बल्कि रचनात्मक और जिज्ञासु दिमाग बनाना है। उन्होंने कहा, “इस अवसर पर, मैंने उन शिक्षकों के अपार योगदान और समर्पित सेवा को याद किया जो युवा दिमाग को प्रज्वलित कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “एक शिक्षक की भूमिका कक्षा के अंदर छात्रों में रचनात्मकता बदलाव लाने की भी है”।
उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को इतना साहसी होना चाहिए कि वह छात्रों में रूढ़िवादिता को तोड़ सके और युवाओं मस्तिष्क को अपने रचनात्मक, नवीन विचार और आलोचनात्मक सोच विकसित करे। उन्होंने कहा कि छुपी प्रतिभाओं को खोजने की प्रतिभा केवल शिक्षक में होती है।...////...