23-Aug-2023 04:26 PM
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पणजी, 23 अगस्त (संवाददाता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को कहा कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में कृत्रिम
बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तरीय क्षमता विकसित करना आवश्यक है।
श्रीमती मुर्मु ने यहां राजभवन में गोवा विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषण आज विश्व में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि गोवा विश्वविद्यालय नवोन्मेषण को बढ़ावा दे रहा है और राज्य सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय के सहयोग से गोवा विश्वविद्यालय ‘समग्र शिक्षण और वर्चुअल ओरिएंटेशन के लिए डिजिटल इंटीग्रेटेड सिस्टम ’ कार्यक्रम संचालित कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न विभागों को समेकित करके अंतरविषयी अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए गोवा विश्वविद्यालय के परिसर में विभिन्न स्कूल बनाए गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप इस पहल के लिए गोवा विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में शिक्षा, अनुसंधान और नवोन्मेषण के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनने की असीम संभावनाएं हैं।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोवा विश्वविद्यालय ने ‘उन्नत भारत अभियान’ के तहत पांच
गांवों को गोद लिया है , जहां स्थिरता मॉडल को अपनाकर शीपियों और मशरूम की खेती की जा रही है। उन्होंने छात्रों में सामाजिक समावेशन और पर्यावरण संतुलन के बारे में संवेदनशीलता जागृत करने के लिए गोवा विश्वविद्यालय की टीम की सराहना की।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह उनके जीवन का एक स्मरणीय क्षण है। उन्होंने
कहा कि विद्यार्थियों ने जो डिग्री अर्जित की हैं, वे उन्हें रोजगार पाने या व्यवसाय शुरू करने में मदद करेंगी, लेकिन एक
गुण जो उन्हें जीवन में बहुत आगे ले जा सकता है, वह कभी हार न मानने का साहस है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा एक आजीवन प्रक्रिया है। निरंतर सीखने वाला, जीवन में अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ चुनौतियों का सामना करने में भी सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि आज का युवा ही संकल्प काल में विकसित भारत का निर्माण करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा भारत को अधिक समृद्धि की ओर ले जाने के सपने को पूरा करेंगे।...////...