07-Jun-2022 05:16 PM
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कोलंबो 07 जून (AGENCY) श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी तीन सप्ताह में देश में लोगों को ईंधन और गैस प्राप्त करने में मुश्किल होगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि ईंधन को जमा ना करें और आवश्यक होने पर ही यात्रा करें।
श्री विक्रमसिंघे ने कहा,“ईंधन को लेकर आगामी तीन सप्ताह बेहद मुश्किल होने वाले हैं। यही वक्त है जब सभी को संभलकर ईंधन और गैस का इस्तेमाल करना है। अनावश्यक यात्रा ना करने का ज्यादा से ज्यादा प्रयास करें। इसलिए मैं सभी नागरिकों से इस अवधि के दौरान ईंधन और गैस की जमाखोरी के बारे में सोचने से बचने का आग्रह करता हूं।”
उन्होंने कहा,“इन कठिन तीन सप्ताह के बाद हम बिना किसी रूकावट के ईंधन और खाना उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। इसे सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पक्षों से बातचीत चल रही है। इन तीन मुश्किल सप्ताह के हम कोशिश करेंगे की ईंधन और गैस की समास्या समाप्त हो जाए। आओ इन मुश्किल तीन सप्ताह का एकजुट और धैर्य होकर सामना करें।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंकाई नागरिक प्रति माह 50 करोड़ डॉलर ईंधन पर खर्च करता है और वैश्विक संकट से आगे तेल की कीमतें और बढ़ने का जोखिम है। उन्होंने कहा,“ कुछ लोगों का अनुमान है कि इस साल के अंत तक वैश्विक तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी। इस संदर्भ में, ईंधन के लिए कूपन प्रणाली शुरू करने के विचार से इंकार नहीं किया जा सकता है। किसी तरह हमें अगले छह महीनों के लिए 330 करोड़ डॉलर मूल्य का ईंधन खोजना होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा,“गैस को आयात करने में चार करोड़ डॉलर की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में हम गैस के आयात के लिए बहुपक्षीय सहायता, स्थानीय मुद्रा और भारत से मिले ऋण का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें आगामी छह महीनों में 25 करोड़ डॉलर की आवश्यकता पड़ेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र नौ जून को श्रीलंका के लिए मानवीय मदद करने के लिए दुनिया से अपील करेगा।
गौरतलब है कि श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट की चपेट में आ गया है जिससे ईंधन, भोजन और दवाओं की व्यापक कमी हो गई है। इसने बदले में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को तेज कर दिया है।...////...