स्टालिन ने राज्यपाल के खिलाफ राष्ट्रपति को कड़ा पत्र लिखकर हटाने की मांग की
09-Jul-2023 11:24 PM 6252
चेन्नई, 09 जुलाई (संवाददाता) तमिलनाडु में कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ द्रमुक और राजभवन के बीच बढ़ते मतभेदों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राज्यपाल आर.एन.रवि के हालिया कार्यों का जिक्र किया तथा कहा कि वह शीर्ष पद से हटा दिये जाने के योग्य हैं। राष्ट्रपति को कड़े शब्दों में लिखे गए 19 पन्नों के पत्र में श्री स्टालिन ने राज्यपाल की कई कार्रवाइयों को याद दिलाया, जिसमें राज्य विधान सभा में पारित लंबित विधेयकों को मंजूरी नहीं देना और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार तथा ‘बिना विभाग के मंत्री’ वी. सेंथिलबालाजी से जुड़ी नवीनतम घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अपने एकतरफा कार्यों से, राज्यपाल ने साबित कर दिया है कि वह पद संभालने के लिए पर्याप्त योग्य नहीं है। राज्यपाल ने मंत्री की गिरफ्तारी के बाद राज्य मंत्रिमंडल में उनके बने रहने पर नाराजगी व्यक्त की और बाद में उन्हें प्रदत्त शक्तियों के तहत मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया। बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सलाह पर इसे स्थगित रखा गया। श्री स्टालिन ने पत्र में कहा, “अपने कृत्यों और कार्यप्रणाली से, राज्यपाल ने साबित कर दिया है कि वह पक्षपाती है और पद संभालने के लिए पर्याप्त योग्य नहीं है। वह शीर्ष पद से हटाए जाने के लिए पर्याप्त रूप से योग्य है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के 156(1) के अनुसार, राज्यपाल राष्ट्रपति की इच्छानुसार अवधि तक पद पर रह सकते हैं। कुछ प्रमुख मुद्दों को सूचीबद्ध करते हुए, जिसमें उन्होंने राज्यपाल के लिए अशोभनीय होने का आरोप लगाया, श्री स्टालिन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल के कार्यों से साबित होता है कि वह पक्षपाती है और संवैधानिक पद पर बने रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। राष्ट्रपति को श्री स्टालिन का पत्र ऐसे समय आया है जब राज्यपाल दिल्ली में हैं और उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से एक दिन पहले मुलाकात की है। श्री स्टालिन द्वारा श्री रवि के विरुद्ध कई आरोप लगाये गये जिनमें राज्य विधानसभा द्वारा अपनाए गए विधेयकों को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी, आरोपी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी देने में देरी, निर्वाचित राज्य सरकार द्वारा उठाए गए रुख के खिलाफ राजनीतिक और वैचारिक रुख अपनाना और आरोपी व्यक्तियों का समर्थन करना तथा पुलिस जांच में हस्तक्षेप करने के आरोप शामिल हैं।...////...
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