11-Jul-2023 05:56 PM
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श्रीनगर 11 जुलाई (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ न्याय करेगा।
श्री उमर ने आज यहां मीडिया से कहा,“हमें न्याय की उम्मीद है।” उन्होंने कहा कि पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय हुआ जब अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया तथा संविधान और कानून की धज्जियां उड़ा दी गईं।
उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस पर सुनवाई पूरी होनी चाहिए और शीर्ष अदालत को अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा,“हमें लगता है कि अनुच्छेद 370 पर हमारा तर्क सही है और इस संबंध में हमारा मामला मजबूत है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तारीख की घोषणा करने में समय नहीं लगाना चाहिए क्योंकि अनुच्छेद 370 से बहुत सारी चीजें जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि जिस पैंथर्स पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर याचिका दायर की थी, शीर्ष अदालत ने उसे भी अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के साथ जोड़ दिया है। उन्होंने कहा,“ऐसा न हो कि अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के इंतजार में हमें चुनाव का भी इंतजार करना पड़े।”
यह पूछे जाने पर कि भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि अनुच्छेद 370 अस्थायी था, जैसा कि तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उल्लेख किया था, श्री उमर ने कहा, “यह सही है, लेकिन यह किन परिस्थितियों में अस्थायी था, इसे समझना होगा… क्या बताया गया था। उस समय लोगों ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की आस्था जानने के लिए जनमत संग्रह कराकर इसका फैसला किया जाएगा।”
श्री उमर ने कहा,“हमें पिछले 70 वर्षों से बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। अगर वह स्थायी हो जाता है तो उसी तरह अनुच्छेद 370 भी स्थायी है। आप इस तर्क का केवल एक हिस्सा अपने हित के लिए नहीं ले सकते। आपको यह समझने की आवश्यकता है कि किन परिस्थितियों में अनुच्छेद को अस्थायी रूप में रखा गया था।”
उन्होंने कहा,“अगर उन्होंने अस्थायी को स्थायी में कर दिया है तो यह (अनुच्छेद 370) भी स्वचालित रूप से स्थायी में स्थानांतरित हो रहा है।”
इस सवाल के जवाब में कि केंद्र दावा कर रहा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में शांति व विकास हो रहा है, उन्होंने कहा कि यहां सड़कों की स्थिति सही नहीं है, एक घंटे की बारिश से बाढ़ का खतरा है, महंगाई आसमान छू रही है, बिजली की हालत सबसे खराब है और स्कूल-कॉलेजों की स्थिति भी अच्छी नहीं है।
श्री उमर ने कहा कि मौजूदा सरकार पिछली सरकारों द्वारा शुरू की गई वर्तमान परियोजनाओं का श्रेय ले रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति 1989 से पहले भी सामान्य थी और उस समय अनुच्छेद 370 को खत्म नहीं किया जा सका था।
उन्होंने कहा,“2014 की बाढ़ से पहले भी स्थिति अच्छी थी। उस बार भी रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आ रहे थे। उस काल में भी विकास हुआ था। पंचायत चुनाव हुए और लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और 80-90 प्रतिशत मतदान के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया।”
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में श्री उमर ने कहा कि अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रधानमंत्री ने अभी कहा था कि यूसीसी पर बात होनी चाहिए और इसे लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा,“प्रस्ताव आने दीजिए और हम बात करेंगे।”
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री उमर ने कहा कि अगर भाजपा बात कर रही है कि यूसीसी में पूर्वाेत्तर, ईसाइयों, आदिवासियों और दलितों को छूट मिलेगी, तो ‘यूनिफॉर्म कोड’ का मतलब है कि इसे देश के हर नागरिक के लिए लागू किया जाना चाहिए।यदि किसी संप्रदाय के लिए छूट हो सकती है तो हम मुस्लिम होने के नाते भी ऐसा करेंगे,
उसी की मांग करेंगे।...////...