तेजस में उड़ान भर मोदी ने रचा नया इतिहास
25-Nov-2023 10:19 PM 9270
नयी दिल्ली/बेंगलुरु 25 नवंबर (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बेंगलुरु में दो सीटों वाले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरकर एक नया इतिहास बनाया।वह किसी लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। तेजस देश में डिजाइन, विकसित और निर्मित फाइटर विमान है और यह है आने वाले वर्षों में भारतीय वायु सेवा की रीड की हड्डी का स्थान लेने वाला है। देश में किसी प्रधानमंत्री की लड़ाकू विमान में यह पहली उड़ान विमान प्रणाली परीक्षण प्रतिष्ठान, बेंगलुरु से की गई थी। करीब 30 मिनट की उड़ान के दौरान श्री मोदी के समक्ष लड़ाकू विमान तेजस की क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री ने तेजस की उड़ान में अपने अनुभव को यादगार बताया। प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को मजबूत प्रोत्साहन देने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के डिजाइन, विकास और उत्पादन से जुड़े वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उड़ान परीक्षण दल की सराहना की। उन्होंने भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर गर्व व्यक्त किया। एलसीए ट्रेनर एक हल्के वजन वाला, सभी मौसम के अनुकूल, बहुउद्देशीय विमान है जो एक सीट वाले तेजस फाइटर की सभी भूमिकाएं निभा सकता है और इसे फाइटर ट्रेनर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पहली बार है कि किसी स्वदेशी ट्विन सीट लड़ाकू विमान को भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है। समसामयिक अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों जैसे कि क्वाड्रुप्लेक्स फ्लाई-बाय-वायर उड़ान नियंत्रण, लापरवाह पैंतरेबाजी, उन्नत ग्लास कॉकपिट, एकीकृत डिजिटल एवियोनिक्स सिस्टम और एयरफ्रेम के लिए उन्नत समग्र सामग्री के एक समामेलन के साथ, यह एक अत्याधुनिक विमान है। लड़ाकू विमान ने देश की रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को बढ़ाया है। भारतीय वायु सेना परीक्षण दल वैचारिक चरण से लेकर प्रोटोटाइप परीक्षण तक तेजस परियोजना में शामिल रहे हैं। विमान का पहला संस्करण 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। वर्तमान में, वायु सेना के दो स्क्वाड्रन - नंबर 45 स्क्वाड्रन और नंबर 18 स्क्वाड्रन, तेजस के साथ पूरी तरह से परिचालन कर रहे हैं। 83 एलसीए एमके 1ए विमानों की डिलीवरी के लिए 36,468 करोड़ रुपये का ऑर्डर एचएएल को दिया गया है और डिलीवरी फरवरी 2024 तक शुरू होने वाली है। एचएएल के पास प्रति वर्ष 8 एलसीए विमान बनाने की वर्तमान क्षमता है। इसे 2025 तक हर साल 16 विमान और अगले तीन साल में हर साल 24 विमान तक बढ़ाया जा रहा है। एलसीए तेजस के अद्यतन और अधिक घातक संस्करण एलसीए एमके 2 के विकास के लिए 9000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है। विमान इंजन सहित स्वदेशीकरण को और बढ़ावा देने के लिए, जून 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत में जीई इंजन के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जीई के साथ बातचीत की गई है। आने वाले वर्षों में, तेजस सबसे बड़ा बेड़ा होगा। भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित किए जाने वाले लड़ाकू विमान। प्रधानमंत्री की आज की उड़ान वैमानिकी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करेगी और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बड़ा बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री की गत जून में अमेरिका यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस के साथ बातचीत की गई है जो अंतिम चरण में है। इस संबंध में एचएएल ने जी ई एरोस्पेस के साथ एक समझौता भी किया है। गौरतलब है कि तेजस देश के बाहर भी एयर शो में अपनी ताकत और जौहर का प्रदर्शन कर वाह वाही लूट चूका है और कई देशों ने इस विमान को खरीदने में दिलचस्पी भी दिखाई है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^