उर्दू भाषा के अस्तित्व के लिए नवीनतम आविष्कारों का उपयोग करना चाहिए : प्रोफेसर मुहम्मद ख्वाजा इकराम
27-Jul-2024 06:15 PM 5952
दरभंगा, 27 जुलाई (संवाददाता) देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयो में शुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के उर्दू विभाग के प्रोफेसर मुहम्मद ख्वाजा इकरामुउद्दीन ने कहा है कि उर्दू भाषा और साहित्य के अस्तित्व के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उर्दू समाज नवीनतम तकनीकी नवाचारों को अपनाए। राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली द्वारा स्थानीय चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय (सी. एम कॉलेज, दरभंगा) में उर्दू भाषा और आधुनिक मीडिया विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर मुहम्मद ख्वाजा इकरामुउद्दीन ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में दुनिया तेजी से बदल रही है और इसका प्रभाव मानव जीवन के सभी क्षेत्रों पर दिखाई दे रहा है। चूंकि भाषा और साहित्य का संबंध मानव समाज से है, इसलिए जब विश्व में क्रांति होती है तो वह मानव समाज को प्रभावित करती है। आधुनिक युग आविष्कारों की सदी है, जीवन का कोई भी हिस्सा इससे अछूता नहीं है, इसलिए नवीनतम तकनीकी आविष्कारों का उपयोग करने की सख्त जरूरत है, जिनकी बदौलत ही हम अपनी भाषा को जीवित रख सकते हैं।...////...
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