उर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ऊर्जा लेखांकन प्रणाली स्थापित करने पर सहमति
15-Oct-2022 08:51 PM 5788
उदयपुर 15 अक्टूबर (संवाददाता) राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन का आज यहां समापन हुआ। केन्द्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में एटी एंड सी घाटे में कमी के लिए उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ऊर्जा लेखा प्रणाली स्थापित करने के लिए सिस्टम मीटरिंग की परिनियोजन में तेजी लाने पर सभी राज्यों के मंत्रियों एवं उप मुख्यमंत्रियों द्वारा सहमति व्यक्त की गई। सूत्रों के अनुसार विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में वित्तीय और परिचालन स्थिरता सुनिश्चित करने में वितरण क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) हानियों को कम करने, लागत प्रतिबिंबित टैरिफ सुनिश्चित करने, सब्सिडी का लेखांकन और राज्य सरकारों द्वारा सब्सिडी का समय पर भुगतान, राज्य सरकार के विभागों के बकाया का निपटान और उत्पादन कंपनियों को बकाया राशि के समय पर भुगतान के लिए विद्युत (देर से भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियम, 2022 (एलपीएस नियम) का पालन करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त सभी ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को वास्तविक ऊर्जा खपत के आधार पर केवल प्रति यूनिट के आधार पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस बात पर संतोष व्यक्त किया गया कि विद्युत प्रणालियों की व्यवहार्यता में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों में पर्याप्त प्रगति हुई है। अधिकांश राज्यों ने अपनी वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की वित्तीय और प्रचालन दक्षता में सुधार के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत अपनी संबंधित कार्य योजना पहले ही प्रस्तुत कर दी है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के तेजी से कार्यान्वयन के लिए आवश्यक नीति, नियामक और संस्थागत इंटरवेंशनों पर विचार-विमर्श किया गया और राज्यों को भारत सरकार के गैर-जीवाश्म संस्थापित क्षमता उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए समर्थन करना चाहिए। विभिन्न प्रोत्साहन उपायों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए समर्थकारी ढांचा बनाने पर भी जोर दिया गया। देश का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे 7 दिन विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। अगले दशक में देश में बिजली की मांग दोगुनी होने की संभावना है और इस तरह की मांग को पूरा करने के लिए विद्युत उत्पाद, पारेषण और वितरण में 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवश्यक पूंजी निवेश की जरूरत होगी। इसलिए इन निवेशों के लिए कई स्रोतों से धन जुटाना आवश्यक है। इस अवसर पर केन्द्रीय विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के ंिसंह, केन्द्रीय उर्जा राज्य मंत्री कृष्णपालसिंह गुर्जर सहित विभिन्न राज्यों के उप मुख्यमंत्री, उर्जा एवं राज्यों के एनआरई मंत्रियों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव मौजूद थे।...////...
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