वनों की कटाई से उत्सर्जन को कम करने को सुरक्षा सूचना प्रणाली आवश्यक:मिश्रा
06-Dec-2023 07:50 PM 8762
नयी दिल्ली/दुबई 06 दिसंबर (संवाददाता) राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण कार्यक्रमों हेतु वनों की कटाई एवं वनों के क्षरण से उत्सर्जन को कम करने के लिए एक सुरक्षा सूचना प्रणाली का होना आवश्यक है। श्री मिश्रा ने दुबई में एनएचआरआई कॉप28 संगोष्ठी में ‘जलवायु परिवर्तन और मानव अधिकार: राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों की भूमिका’ विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मानव अधिकारों पर बहुत बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ता है्। उन्होंने कहा कि ध्रुवीय बर्फ के पिघलने, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, बढ़ते सूखे, उच्च घनत्व वाली वर्षा, चक्रवात, बाढ़, भूस्खलन और जंगल की आग से सबसे अधिक गरीबों को नुकसान होता है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन युद्ध के अलावा प्रवासन के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि अन्य हितधारकों के अलावा, एनएचआरआई को पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करना होगा, जिसके परिणामस्वरूप आश्रय, आजीविका, शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकारों सहित मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2023 से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए, अध्यक्ष ने कहा कि ऊर्जा संसाधनों में सावधानीपूर्वक परिवर्तन करने की आवश्यकता है। अन्यथा, ऊर्जा उद्योग से धन की हानि ‘आंतरिक, क्षेत्रीय और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर’ अस्थिरता का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक ने पृथ्वी और समुद्रों पर पर्यावरण प्रदूषण को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है जिससे जैव विविधता खतरे में पड़ गई है। कथित तौर पर समुद्र में प्लास्टिक का टुकड़ा फ्रांस के आकार से 20 गुना बड़ा है। इसलिए, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग की आवश्यकता है।...////...
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