विकास करने के बाद भी केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण बिहार फिसड्डी :जायसवाल
09-Jun-2022 05:29 PM 8941
पटना 09 जून (AGENCY) बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाए जाने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इसके लिए लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के तर्क को सिरे से खारिज करते हुए आज कहा कि विकास करने के बाद भी केवल बढ़ती जनसंख्या पर लगाम नहीं लगाए जाने की वजह से प्रदेश फिसड्डी दिखता है। डॉ. जायसवाल ने गुरुवार को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में कहा कि विकास करने के बाद भी केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण बिहार फिसड्डी दिखता है। उन्होंने इसके लिए कानून बनाने और बेटियों को पढ़ाने से जनसंख्या स्थिरीकरण को भी सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि देश का जनसंख्या घनत्व 464 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। सिर्फ 10 साल पहले यह 382 था। वहीं, बिहार का जनसंख्या घनत्व 1224 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। इस तरह बिहार का जनसंख्या घनत्व राष्ट्रीय स्तर से तीन गुना अधिक है। हाथ पर हाथ धर कर बैठने से इसका निदान नहीं निकलेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस देश में पहली बार बालिका साइकिल योजना चलाई थी। उन्हें याद है कि उस समय वह किसी छोटी बच्ची से पूछते थे कि तुम्हें क्या करना है तो उसका जवाब रहता था कि वह नौवीं कक्षा में पढ़ना चाहती है ताकि उसे साइकिल मिल सके। उसी बालिका साइकिल योजना का परिणाम है कि स्त्री (बालिका) शिक्षा की उन्नति में दो पीढ़ियों का लगने वाला समय महज दो वर्षों में पाट दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी इसी तरह की योजना बनाकर कम बच्चे वालों को प्रोत्साहित करना होगा। डॉ. जायसवाल ने कहा, “जब हम पहले दो बच्चे पैदा करने के लिए 6000 रुपये दे सकते हैं तो एक बच्चे वाले को भी हम एक बड़ी आर्थिक सहायता के साथ पूरे परिवार की बीमा और हर स्कूल में पहला एडमिशन जैसी प्रोत्साहन योजनाएं चलाकर लक्ष्य तेजी से हासिल कर सकते हैं। जहां देश जनसंख्या स्थिरीकरण प्राप्त कर चुका है वहीं इस मामले में हम आज भी तीन गुना रफ्तार पकड़े हुए हैं और इसे रोकने की कोई योजना नहीं बना रहे। बिहार में जितने नए अस्पताल और स्कूल बनते हैं उससे ज्यादा बच्चे हम पैदा कर लेते हैं।” भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि दक्षिण भारत के राज्यों ने 80 के दशक में ही जनसंख्या स्थिरीकरण हासिल कर लिया। वहां कोई विकास होता है तो वह राज्य के मानकों को बेहतर करता है। वहीं बिहार इतना विकास करने के बाद भी केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण फिसड्डी दिखता है।...////...
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