17-Aug-2023 05:57 PM
7838
बेंगलुरु, 17 अगस्त (संवाददाता) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को बंद करने के कर्नाटक सरकार के फैसले से कांग्रेस पार्टी के कर्नाटक विरोधी चरित्र का पता चलता है।
श्री प्रधान ने सिद्दारमैया सरकार द्वारा एनईपी को बंद करने को राजनीति से प्रेरित निर्णय करार देते हुए कहा कि शिक्षा प्रगति का प्रतीक होनी चाहिए, न कि राजनीतिक मोहरा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बंद करने के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसले के बारे में जानकर निराशा हुई।
उन्होंने कहा, “भारतीय शिक्षा प्रणाली को विकास की जरूरत है, न कि प्रतिगमन की। एनईपी वर्षों के विचार-विमर्श का परिणाम है, जो सभी की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह निर्णय कांग्रेस के सुधार विरोधी, भारतीय भाषा विरोधी और कर्नाटक विरोधी चरित्र को उजागर करता है।”
श्री प्रधान ने कहा कि कर्नाटक ऐसे नेतृत्व का हकदार है जो प्रगति और समावेशिता को महत्व देता है न कि क्षुद्र राजनीति को। उन्होंने कहा, “श्री सिद्दारमैया, आइए छात्रों को पहले रखें और तुच्छ राजनीति बंद करें।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 14 अगस्त को कहा था कि उनकी सरकार अगले शैक्षणिक वर्ष से एनईपी को समाप्त कर देगी। शिक्षा प्रणाली में सार्थक संशोधन का वादा करते हुए यह नीति 29 जुलाई, 2020 से लागू की गई थी।
कर्नाटक 1986 की पुरानी शिक्षा नीति से एनईपी को अपनाने वाला पहला राज्य था।...////...