12-Jul-2023 08:19 PM
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नयी दिल्ली, 12 जुलाई (संवाददाता) कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर- जीएसटी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग-पीएमएलए के दायरे में लाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि सरकार को बताना चाहिए कि उसे यह कदम उठाने की क्या जरूरत पड़ी।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जीएसटी के साथ पीएमएलए को जोड़कर मोदी सरकार एक साथ दो निशाने साधना चाहती है। इस कदम से वह एक तरफ जहां बाजार की कमर तोड़ना चाहती है तो दूसरी तरफ विपक्ष को नियंत्रित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सात जुलाई से पीएमएलए को जीएसटी के साथ जोड़कर लागू करते हुए कहा गया कि ऐसा करना देश हित के लिए आवश्यक है। सरकार के इस कदम का नौ राज्यों ने विरोध तो किया लेकिन विरोध करने जे बावजूद इसे लागू भी कर दिया।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार विपक्ष को डराना चाहती है और इसी मंशा से उसने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा,“चुनाव आ रहे हैं, इसलिए सरकार ने सोचा कि अपने प्रतिद्वंदी को कैसे डराया जाए, इस सोच के साथ जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाया गया है। यह केंद्र सरकार का विपक्ष को निशाना बनाकर डराने का नया औजार है।”
उन्होंने इसको लेकर सरकार को घेरते हुए सवाल किया,“ये नया नोटिफिकेशन बिना विचार विमर्श के कैसे और क्यों आया। इसके जरिए क्या सरकार डर और भय को व्यापक बनाना चाहती है या छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापार पर नियंत्रण करने का उसका यह नया तरीका है। सरकार बताए कि क्या इसका मकसद सिर्फ विपक्ष को डराने है। सरकार बताए कि जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने की अचानक जरूरत क्यों पड़ी।...////...