30-Apr-2025 10:25 PM
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नयी दिल्ली 30 अप्रैल (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को प्रगति के 46 वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता करते हुए आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की जिनमें तीन सड़क परियोजनाएं, रेलवे और बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग की दो-दो परियोजनाएं शामिल थीं। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत लगभग 90,000 करोड़ रुपये है।
दरअसल प्रगति केंद्र और राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन तथा समय पर कार्यान्वयन के लिए एक आईसीटी आधारित बहु-मॉडल मंच है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) से संबंधित शिकायत निवारण की समीक्षा करते हुए श्री मोदी ने निर्देश दिया कि सभी मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाभार्थियों की पहचान बायोमेट्रिक्स-आधारित आधार प्रमाणीकरण या सत्यापन के माध्यम से की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अतिरिक्त कार्यक्रमों को एकीकृत करने की संभावना का पता लगाने का भी निर्देश दिया, विशेष रूप से वे कार्यक्रम जो बाल देखभाल को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रथाओं में सुधार, स्वच्छता सुनिश्चित करने और अन्य संबंधित पहलुओं को संबोधित करने के उद्देश्य से हैं जो माँ और नवजात शिशु की समग्र भलाई में योगदान करते हैं।
रिंग रोड के विकास से संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजना की समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि रिंग रोड के विकास को व्यापक शहरी नियोजन प्रयासों के एक प्रमुख घटक के रूप में एकीकृत किया जाना चाहिए। विकास को समग्र रूप से देखा जाना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह अगले 25 से 30 वर्षों में शहर के विकास पथ के साथ संरेखित और उसका समर्थन करता है।
प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि विभिन्न नियोजन मॉडलों का अध्ययन किया जाना चाहिए, विशेष रूप से उन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं, खासकर रिंग रोड की दीर्घकालिक व्यवहार्यता और कुशल प्रबंधन के संदर्भ में। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन के पूरक और टिकाऊ विकल्प के रूप में शहर के परिवहन बुनियादी ढांचे के भीतर एक सर्कुलर रेल नेटवर्क को एकीकृत करने की संभावना का पता लगाने का भी आग्रह किया।
जल मार्ग विकास परियोजना की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन मार्गों पर मजबूत सामुदायिक संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। यह व्यवसाय विकास के अवसर पैदा करके एक जीवंत स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा, विशेष रूप से ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) पहल और अन्य स्थानीय शिल्प से जुड़े कारीगरों और उद्यमियों के लिए। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य न केवल सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ाना है, बल्कि जलमार्ग से सटे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि और आजीविका सृजन को भी बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऐसे अंतर्देशीय जलमार्ग पर्यटन को भी बढ़ावा देने चाहिए।
बातचीत के दौरान श्री मोदी ने समग्र और दूरदर्शी योजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति और अन्य एकीकृत प्लेटफार्मों जैसे उपकरणों का लाभ उठाने के महत्व को दोहराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न क्षेत्रों में तालमेल हासिल करने और कुशल बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे उपकरणों का उपयोग महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके संबंधित डेटाबेस को नियमित रूप से अद्यतन किया जाए और सटीक रूप से बनाए रखा जाए, क्योंकि विश्वसनीय और वर्तमान डेटा सूचित निर्णय लेने और प्रभावी योजना बनाने के लिए आवश्यक है।
प्रगति बैठकों के 46वें संस्करण तक लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 370 परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है।...////...