14-Jul-2023 07:34 PM
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नयी दिल्ली, 14 जुलाई (संवाददाता) राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर लगाये गये जुर्माने को वसूलने में कोताही बरते जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके जिम्मेदार अफसरान जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण आदि मसले की गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं।न्यायमूर्ति अग्रवाल ने यहां अपने जीवनवृत्त पर आधारित वीडियो बायोग्राफी ‘मेरी छोटी सी कहानी’ के विमोचन के मौके पर कहा कि न्यायाधिकरण तो अपना दायित्व बखूबी निभा रहा है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर जुर्माना भी लगा रहा है लेकिन इसे क्रियान्वित करने वाले अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन समुचित तरीके से कर नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी न तो जुर्माने को वसूलते हैं और न ही पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्धारित धन को खर्च करते हैं।
उन्होंने रामजन्म भूमि विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे इस मसले का निपटारा हो गया और अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है, वह कामना करते हैं कि वैसे ही गंगा और यमुना स्वच्छ हो जाए। उनकी इच्छा है कि गंगा और यमुना की सफाई का कार्यक्रम सफल हो जाए। ये दोनों नदियां निर्मल हो जायें, तो उन्हें अपार खुशी होगी।
उन्होंने कहा कि यदि इन नदियों की सफाई हो गयी तो देश के लिए बड़ा काम हो जायेगा।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि वह समग्रता में परिवर्तन महसूस कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि आगे भी अच्छे कार्य होते रहेंगे।...////...