तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने जाति जनगणना पर भ्रामक सूचना फैलाने के खिलाफ दी चेतावनी
07-Nov-2024 04:20 PM 2919
हैदराबाद 07 नवंबर (संवाददाता) तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जाति जनगणना के बारे में फैलायी जा रही गलत सूचना, विशेष रूप से इसे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जोड़कर मुस्लिम समुदाय के भीतर डर पैदा करने के प्रयासों को लेकर चेतावनी दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सैयद निजामुद्दीन ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जाति जनगणना नागरिकता दस्तावेजीकरण से संबंधित नहीं है। उन्होंने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) सदस्यों के कथित तौर पर प्रसारित दावों का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनगणना में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से पिछड़ा वर्ग-ई (बीसी-ई) श्रेणी के मुसलमानों के लिए विशिष्ट कॉलम शामिल किये जायेंगे, जिससे शेख, कसाब और तुर्का काशवलु जैसे समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा , “हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों के लिए, विशेष रूप से बीसी-ई श्रेणी के लोगों के लिए, सटीक प्रतिनिधित्व के लिए आधिकारिक फॉर्म में सही श्रेणी का चयन करना आवश्यक है।” उन्होंने नागरिकों से फर्जी सर्वेक्षण फॉर्म या डर-आधारित प्रचार से प्रभावित न होने का आग्रह किया। श्री निजामुद्दीन ने समानता और सामाजिक न्याय प्राप्त करने के बड़े मिशन के हिस्से के रूप में राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संकल्प की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह केवल एक सर्वेक्षण नहीं है, यह एक निष्पक्ष भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ के प्रयासों की सराहना की। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा की, जो उन्होंने कहा कि न्यायसंगत शासन के लिए कांग्रेस के समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने, बोर्डरूम से लेकर न्यायपालिका, सशस्त्र बलों और मीडिया तक सभी क्षेत्रों में निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की मांग करने के श्री गांधी के दृष्टिकोण के लिए कांग्रेस के समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा, “इस साहसिक पहल का उद्देश्य हाशिए पर पड़े समुदायों - दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाना है - जिन्हें ऐतिहासिक रूप से पुरानी संरचनाओं द्वारा वंचित किया गया है।” उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस नागरिक समाज, प्रभावित समुदायों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करेगी और निरंतर संवाद के माध्यम से जनगणना प्रक्रिया को परिष्कृत करेगी। उन्होंने कहा, “हमारा सहयोगात्मक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि जनगणना न केवल उन समुदायों की जरूरतों को पूरा करे, जिनका वह प्रतिनिधित्व करती है, बल्कि उनके द्वारा सामना किये जाने वाले भेदभाव का सच्चा रिकॉर्ड भी बने।” श्री निजामुद्दीन ने प्रदेश के सभी नागरिकों से इस ऐतिहासिक जनगणना में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की और इसे अधिक समावेशी तेलंगाना बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।...////...
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